लखनऊ, अगस्त 24 -- जन्म के समय न दिखने वाले कई बीमारियों का विभिन्न स्क्रीनिंग जांचों से पता लगाया जा सकता है। इससे जल्द उपचार देकर बीमारी की रोकथाम और काबू पाया जा सकता है। उपचार में देरी से शिशु के स्वस्थ विकास में रुकावट आ सकती है। नवजातों की स्क्रीनिंग और दूसरी जांचों में तेजी लाकर शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। यह बातें रविवार को भारतीय बाल अकादमी के यूपी शाखा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. संजय निरंजन ने अंसल स्थित एक होटल में आयोजित आईएपी के नियोकोन के नियोनेटोलॉजी स्पेशिलिटी चैप्टर के राष्ट्रीय सम्मेलन में कहीं। डॉ. संजय निरंजन ने बताया कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने तीन दिवसीय सम्मेलन में डॉक्टरों द्वारा दिये गए सुझाव सरकार को भेजने का निर्देश दिया था। इसका मकसद प्रदेश में शिशु मृत्यु दर के आंकड़े में सुधार लाना है। राजेश कुमार ने सम...