बगहा, मार्च 29 -- ठंड का मौसम बीतने के साथ ही जलस्तर दिन-प्रतिदिन नीचे जा रहा है। बावजूद चापाकल बनाने वाले मिस्त्री बेरोजगार बैठे हैं। दर्जनों की संख्या में चापाकल के मिस्त्री नया बाजार से पहले मुख्य नाला के पुल पर बैठकर काम का इंतजार करते हैं। चापाकल मिस्त्रयों का कहना है कि जब से नल का जल योजना आयी है, तब से चापाकल का उपयोग कम हो गया है। गर्मी के दिनों में हम लोग बेरोजगार नहीं बैठते थे। रोजाना ग्राहक पहुंचते थे, कोई चापाकल बनवाने के लिए तो कोई समरसेबल लगवाने के लिए बुलाता था। जिसमें एक बार में हम लोग 5000 से 6000 रुपये कमा लेते थे। एक चापाकल को लगवाने में 5 से 6 आदमी लगते हैं । ऐसे में सभी लोगों की कुछ ना कुछ कमाई हो जाती थी। लेकिन नल का जल आने के बाद से लोग चापाकल लगवाना बंद कर दिए हैं, यहां तक कि चापाकल के बिगड़ने पर उसे बनवा भी नहीं र...