बागेश्वर, जुलाई 21 -- पहाड़ की जन पत्रकारिता के पुरोधा और जन आधारित स्वैच्छिक विकास के आधार स्तंभ नरेंद्र रौतेला के आकस्मिक निधन पर यहां अनेक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है। उनके निधन को पर्वतीय क्रांति के लिए अपूरणीय क्षति करार दिया है। नरेंद्र रौतेला ने अस्सी के दशक से पहाड़ के वन,खनन और मद्य निषेध के मुद्दों पर अलख जगाई।पहाड़ के मुद्दों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान दिलाई। उनके निधन पर इतिहासकार डा.निर्मल जोशी, हरीश जोशी, चंद्रशेखर बड़सीला, रमेश बृजवासी, अर्जुन राणा, अखिल जोशी, दिनेश नेगी, भगवत नेगी, विपिन जोशी, अनिल पांडे, जगदीश पांडे आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया है।

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