सीवान, अप्रैल 11 -- गुठनी,एक संवाददाता। नगर पंचायत के गठन के बाद दो पंचायतो के 2560 मनरेगा मजदूरों को रोजगार नहीं मिलने से वे पूरी तरह बेरोजगार हो गए हैं। हालांकि, नगर पंचायत के ढाई साल पहले हुए गठन के बाद भी उनको किसी तरह का काम न मिलने से उनके सामने आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गया है। वह अपने परिवार के भरण पोषण करने के लिए बाहर जाकर मजदूरी करने के लिए मजबूर हैं। इनमें से अधिकतर मजदूर ग्रामीण क्षेत्रों में काम करते थे। जिन्हें मनरेगा के तहत रोजगार और अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती थी। मनरेगा पीओ रंजन रत्नाकर ने बताया कि राज्य सरकार और विभाग से आदेश मिलने के बाद उनकी सारी डाटा और जॉब कार्ड को निरस्त कर दिया गया है। और इसकी सारी जानकारी जिला प्रशासन और संबंधित विभाग को भेज दी गई है। नगर पंचायत में आने से मनरेगा मजदूरों का कार्ड रद्द ह...