हापुड़, अगस्त 3 -- नगर में छोटे बाजार में स्थित राधा कृष्ण मंदिर में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें रविवार को कथा के तीसरे दिन व्यास ने मनुष्यों के कर्तव्य के बारे में बताया। कथा के तीसरे दिन व्यास यश कृष्ण आचार्य ने कहा कि मनुष्यों का क्या कर्तव्य है इसका बोध भागवत सुनकर ही होता है। विडंबना ये है कि मृत्यु निश्चित होने के बाद भी हम उसे स्वीकार नहीं करते हैं। निस्काम भाव से प्रभु का स्मरण करने वाले लोग अपना जन्म और मरण दोनों सुधार लेते हैं। कथा व्यास ने कहा कि प्रभु जब अवतार लेते हैं तो माया के साथ आते हैं। साधारण मनुष्य माया को शाश्वत मान लेता है और अपने शरीर को प्रधान मान लेता है। जबकि शरीर नश्वर है। उन्होंने कहा कि भागवत बताता है कि कर्म ऐसा करो जो निस्काम हो वहीं सच्ची भक्ति है। इस मौके पर गंगा सेविका संध्...
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