लखनऊ, जून 10 -- जागरुकता कार्यक्रम लखनऊ, वरिष्ठ संवाददाता। नई तकनीक ने सर्जरी की सफलता दर में इजाफा किया है। बड़ा चीरा के बजाए महीन सुराख से ऑपरेशन किए जा रहे हैं। बड़ी और गंभीर बीमारी की सर्जरी छोटे चीरे से की जा रही है। यह जानकारी यूपी चैप्टर एसोसएिशन सर्जन ऑफ इंडिया के सचिव व केजीएमयू सर्जरी विभाग के डॉ. अक्षय आनंद ने दी। वह मंगलवार को सर्जरी वीक के तहत केजीएमयू में जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। एसोसिएशन के सचिव डॉ. अक्षय आनंद ने कहा कि लैप्रोस्कोप से महीन सुराख से बड़े ऑपरेशन किए जा सकते हैं। इसमें रक्तस्राव कम होता है। संक्रमण की आशंका कम रहती है। कम समय में मरीज ठीक होकर घर चले जाते हैं। पथरी, आंतों के घाव समेत दूसरी बीमारियों की सर्जरी लैप्रोस्कोप से मुमकिन है। डॉ. अक्षय आनंद ने बताया कि जनरल सर्जन के लिए अभ्यास बेहद जरू...
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