अलीगढ़, नवम्बर 11 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। फाइलेरिया बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को एक बार फिर सचेत किया है, 'सावधानी ही बचाव है।' खेतों, मैदानों और जलभराव वाले इलाकों में नंगे पैर घूमना फाइलेरिया का बड़ा कारण बन सकता है। यह बीमारी मच्छर या परजीवी के काटने से फैलती है, जो शरीर में प्रवेश कर लसीका नलिकाओं को प्रभावित करती है और धीरे-धीरे हाथ-पैरों में सूजन व विकृति का कारण बन जाती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फाइलेरिया के मामलों में बीते कुछ वर्षों में तेजी से कमी आई है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2015 में जहां सैकड़ों सक्रिय केस दर्ज किए गए थे, वहीं 2024 तक इनमें 80 प्रतिशत से अधिक की गिरावट दर्ज हुई। लगातार चलाए गए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान, दवा वितरण और जनजागरूकता ने इस पर काबू पाने में अहम भूमिका ...