प्रयागराज, मई 19 -- इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) के संस्कृत विभाग में सोमवार को ऋषि व्याख्यान माला के अंतर्गत विशिष्ट व्याख्यान हुआ। मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के डॉ. अभमन्यु सिंह ने शोध छात्रों को ज्ञानगङ्गाप्रवाह से अवगत कराया। मुख्य वक्ता डॉ. अशोक कुमार शतपथी ने कहा कि सर्वप्रथम स्वयं को अध्ययन करें, बोध करने के बाद ही व्याख्यान देना चाहिए। व्यङ्ग के मूल में कहीं न कहीं ध्वनि ही है। ध्वनि को ही काव्य की आत्मा भी कहते हैं। अध्यक्षता प्रो. प्रयाग नारायण मिश्र ने की। इस अवसर पर दीनबंधु कुमार, प्रो. अनिल प्रताप गिरि, डॉ. निरुपमा त्रिपाठी, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. विकास शर्मा, डॉ. ललित कुमार, डॉ. संदीप यादव, डॉ. आशीष त्रिपाठी, डॉ. रजनी गोस्वामी, डॉ. मीनाक्षी जोशी, डॉ. कल्पना कुमारी, डॉ. प्रचेतस शास्त्री, डॉ. सन्त प्रकाश तिवारी, डॉ. अनिल क...