बागेश्वर, अक्टूबर 22 -- गोवर्धन पर्व पर लोगों ने गांवों में गाय की पूजा की। पकवान बनाए और गायों को चावल के आटे से सने हाथ की छाप लगाई। गोवर्धन पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। पशुपालकों ने गौ माता को फूलों की माला पहनाकर आरती उतारी। ग्रामीण क्षेत्रों में गो-पालकों ने गायों की पूजा अर्चना की। गोवर्धन पूजा का चलन द्वापर युग से है। पंडित गोपाल दत्त जोशी ने बताया कि पौराणिक मान्यता के अनुसार संसार में पहले इंद्र की पूजा होती थी। कृष्ण के कहने पर वृंदावन वासियों ने गाय की पूजा शुरू की। इससे गुस्साए इंद्र ने तेज बारिश से पूरे राज्य को जलमग्न कर दिया। तब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को कनिष्ठा अंगुली पर उठाकर इंद्र के घमंड को चूर कर दिया और बारिश से लोगों को बचाया। सात दिन बाद इंद्र ने अपनी हार मान ली। तभी से गोवर्धन पर्वत, गाय व भगवान श्री...