रामपुर, मई 6 -- कोरोना की महामारी में सबसे अधिक फेफड़े प्रभावित हुए थे। बीते चार सालों के अंदर अस्थमा के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। प्रदूषण और धूम्रपान कम उम्र में अस्थमा होने का एक प्रमुख कारक है। इस बीमारी में कुछ स्थितियों में मरीज को सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हर साल मई के पहले मंगलवार को विश्व अस्थमा दिवस मनाया जाता है। इस बार विश्व अस्थमा दिवस की थीम है सभी के लिए सांस द्वारा उपचार सुलभ बनाना। इस थीम का उद्देश्य यह है कि अस्थमा से पीड़ित हर व्यक्ति आवश्यक सांस द्वारा ली जाने वाली दवाओं तक पहुंच सके, जिससे उनकी बीमारी को नियंत्रित करने और गंभीर हमलों को रोकने में मदद मिल सके। डाक्टरों के अनुसार श्वसन प्रणाली से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों में अस्थमा भी शामिल है। यह एक ऐसी कंडिशन होती है, जिसमें श्वांस नली में सूजन की वजह से, यह संक...