सीवान, सितम्बर 15 -- गुठनी, एक संवाददाता। प्रखंड में जहां धान की फसलों में बारिश के बाद यूरिया डालने का काम शुरू हो गया है। अब किसानों को धान की फसल से अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए फसलों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना है। ताकि फसलों को समय पर किट रोगों से बचाया जा सके। इसके लिए किसानों को लगातार अपने खेतों की निगरानी करनी होगी। इस समय धन की फसल को तनाछेदक कीट का प्रकोप हो सकता है। तना छेदक कीट की सुंडिया ही धान की फसल को अधिक नुकसान पहुंचाती है। वयस्क पतंगे फूलों आदि पर निर्वाह करते हैं। फसल की प्रारंभिक अवस्था से इसके प्रकोप से पौधों का मुख्य तना सुख जाता हैं। फसलों पर कीटों का कैसे होता है प्रभाव धान की फसलों पर लगने वाले तना छेदक कीटों का कैसे प्रभाव पड़ता है। बीएओ तारकेश्वर राम ने बताया की तना छेदक की प्रौढ़ मादा पत्ती के ऊपरी सतह...
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