आजमगढ़, जून 27 -- आजमगढ़, संवाददाता। कृषि विज्ञान केंद्र लेदौरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ.एलसी वर्मा ने बताया कि धान के फसल में जिंक की कमी से पत्ती पीली होने लगती है और अधिक जिंक की कमी से पत्ते पर भूरे रंग के धब्बे होने लगते है। इसकी कमी से धान के नए कल्ले निकलना बंद हो जाते है। इससे धान का विकास भी रुक जाते है। फसल में जिंक की कमी से बहुत सारी बीमारी होने लगती हैं। इसलिए धान के फसल में जिंक डालना अति आवश्यक होता है। सस्य वैज्ञानिक डॉ शेर सिंह ने बताया कि धान की रोपाई से ठीक पहले 10 किलोग्राम जिंक सल्फेट मिलाकर प्रति एकड़ के अनुसार छिड़काव करना चाहिए। अगर धान के फसल में जिंक की कमी होने के कारण किसी प्रकार के लक्षण दिखाई देने लगे तो एक किलोग्राम जिंक सल्फेट और पांच किलोग्राम यूरिया को 200 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति एकड़ के हिसाब...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.