सिद्धार्थ, अगस्त 10 -- सोहना, हिन्दुस्तान संवाद। कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के वैज्ञानिक डॉ. सर्वजीत ने किसानों को धान की फसल के बेहतर उत्पादन के लिए समय पर उर्वरक और कीट प्रबंधन की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि जिन किसानों की धान की फसल 25 से 30 दिन की हो चुकी है, उन्हें प्रति एकड़ 16 किग्रा नाइट्रोजन यानी लगभग 35 किग्रा यूरिया, पांच किग्रा मैग्नीशियम सल्फेट और आठ किग्रा फेरस सल्फेट का प्रयोग करना चाहिए। यह प्रयोग खरपतवार नियंत्रण के बाद ही किया जाए। नाइट्रोजन की शेष 16 किग्रा मात्रा रोपाई के 45 दिन बाद दी जानी चाहिए। डॉ. सर्वजीत ने कहा कि यदि रोपाई के समय खेत में जिंक सल्फेट का प्रयोग नहीं किया गया है, तो किसानों को 0.5 प्रतिशत घोल के तीन छिड़काव करने चाहिए। पहला छिड़काव रोपाई के एक माह बाद, जबकि शेष दो छिड़काव 15-15 दिन के अंतराल पर किए जाए...
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