पीलीभीत, अगस्त 25 -- पीलीभीत। वर्षा कम होने और तापमान अधिक होने के कारण धान की फसल में पत्ती लपेटक, तनाभेदक एवं भूरा फुदका के लगने की संभावना है। इनका प्रबंधन करना बहुत जरूरी है। ऐसा न करने पर फसल को बहुत हानि पहुंच सकती है। जिला कृषि अधिकारी नरेंद्र पाल ने बताया कि धान में लगने वाले प्रमुख कीट एवं उनका प्रबंध/नियंत्रण के लिए जरूरी कार्यवाही करें। पत्ती लपेटक कीट लार्वा अवस्था में हानि पहुंचाते हैं। पत्तियों के दोनों किनारों को जोड़कर नली जैसे संरचना बनाकर उसके अंदर रहते हैं और पत्तियों की हरियाली को खुरचकर खाते हैं। पत्ती का प्रभावित हिस्सा सफेद एवं सूखा हो जाता है। अधिक प्रकोप होने पर पूरा खेत सूखा दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि खेत एवं मेड़ों को घासमुक्त एवं मेड़ों की छंटाई करना चाहिए। समय से रोपाई करना चाहिए। फसल की साप्ताहिक निगरान...
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