बागपत, नवम्बर 8 -- प्रदूषण की बढ़ती समस्या और शासन प्रशासन की सख्ती का असर कहे या फिर गेहूं के भूसे के महंगे दाम, किसानों ने अब धान की पराली को खेतों पर जलाना बंद कर दिया है। किसान अब पराली का भूसा बनाकर अपने पशुओं को खिला रहे है या फिर उसे व्यापारियों को बेच रहे है। काफी किसान तो ऐसे भी है, जो पराली का भूसा बनवाकर उसे गौशालाओं में दान कर रहे है। दरअसल पिछले कुछ वर्षों से बागपत ही नहीं, पूरे वेस्ट यूपी में पराली का चारे में इस्तेमाल बढ़ा है। सबसे ज्यादा इस्तेमाल गोवंश संवर्धन केंद्रों में किया जा रहा है। बाजार में भूसे का दाम महंगा होने के कारण किसानों ने धान की पराली से भूसा बनवाना शुरू कर दिया है। जिसके बाद वे पराली के भूसे को अपने पशुओं के चारे में इस्तेमाल कर रहे है। इतना ही नहीं काफी किसान ऐसे भी है जो भूसा कारोबारियों को खेत पर ही पुर...