गंगापार, जून 20 -- गुरुवार रात हुई झमाझम बारिश से जहां धान की नर्सरी को संजीवनी मिल गई है तो वहीं भीषण गर्मी से राहत भी। दो दिन पूर्व मौसम पूरी तरह गर्म था। तपती दोपहरिया एवं भीषण गर्मी से लोग बेहाल हो रहे थे। जिसके चलते काफी लोग धान की नर्सरी गुरुवार तक डालते दिखे। इसके पीछे कारण यह है कि इस क्षेत्र में 70 फीसद किसान मानसून के पानी पर ही निर्भर हैं। जो पहले से धान की नर्सरी डाल रखे थे वह तीव्र धूप की वजह से झुलस रही थी। किसान अपनी नर्सरी बचाने के लिए प्रतिदिन शाम को ट्यूबवेल व अन्य संसाधनों से नर्सरी में पानी भरकर सुबह उस पानी को खेत से निकाल कर नर्सरी बचाने की जद्दोजहद करते दिखे।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.