चंदौली, नवम्बर 16 -- चंदौली। संवाददाता धान का आभासी कंडुआ रोग एक फफूंदजनित रोग है। यह धान की प्रारंभिक अवस्थाओं में नहीं प्रदर्शित होता है लेकिन जब धान की बालियां निकलती हैं। तब उसकी बालियों में धान के दाने की जगह उसमें पीले या काले रंग के पाउडर भरे दिखाई पड़ते हैं। जब फूल की अवस्था में वातावरण में आद्रता 90 प्रतिशत से अधिक और तापमान 25 से 30 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है। तब यह रोग बहुत ही तेजी से फैलता है। ऐसी उपयुक्त दशा बनने के कारण भी किसानों को इस रोग का दंश झेलना पड़ रहा है। जिला कृषि रक्षा अधिकारी स्नेह प्रभा ने बताया कि किसान इस रोग का प्रबंध एवं उपचार कर सकते हैं। इसके लिए किसानों को गर्मी की गहरी जुताई अवश्य करना चाहिए। बीज का शोधन स्यूडोमोनास फ्लूरोसेन्स एवं ट्राइकोडर्मा 10 ग्राम, किलो बीज की दर से बीज शोधन करना चाहिए या एक...