आरा, मई 8 -- आरा, निज प्रतिनिधि। ब्रज गोपिका सेवा मिशन की ओर से आयोजित 20 दिवसीय प्रवचन शृंखला के 12वें दिन स्वामी युगल शरण जी ने कर्म मार्ग पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कर्म मार्ग और वास्तविक कर्म, वास्तविक धर्म की विवेचना की। कहा कि मनुष्य को सत्य बोलना चाहिए। धर्म का सही-सही पालन करना, माता-पिता की की सेवा करना, गुरु की सेवा करना ही धर्म है। श्रुति स्मृति में जो कर्म-धर्म बतलाया गया, उसे प्रत्येक जीव को सही-सही पालन करना होगा और जो नहीं करता, वह भगवान का दुश्मन है। केवल कर्म करके आध्यात्मिक वैज्ञानिकों ने अनुभव किया कि कर्म से मुक्ति नहीं हो सकती, स्वर्ग मात्र मिलता है। इससे ब्रह्म की प्राप्ति नहीं हो सकती।
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