वाराणसी, मई 25 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। ज्योतिष शास्त्र वेदों का महत्वपूर्ण अंग है। इसे वेदांग ज्योतिष भी कहा गया है। ज्योतिष शास्त्र का उपयोग करके मनुष्य के जीवन और प्राकृतिक घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। वेदांग ज्योतिष में ग्रहों, नक्षत्रों, राशियों और उनके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। धर्म और ज्योतिष का एक-दूसरे से गहरा संबंध है। उक्त बातें रविवार को दशश्वमेध स्थित शास्त्रार्थ महाविद्यालय में चल रहे ज्योतिष ज्ञान शिविर के 15 दिनी पूरे होने पर शिविर संचालक ज्योतिर्विद आचार्य संजय उपाध्याय ने कहीं। उन्होंने कहा कि ज्योतिषीय गणना का प्रयोग यज्ञों के लिए शुभ समय निर्धारित करने में भी किया जाता है इसलिए इसे वेद का एक महत्वपूर्ण अंग माना गया है। ऋग्वेद में नक्षत्रों की स्थिति और सूर्य के आकर्षण बल का वर्णन मिलता है। अथर्ववे...