लखीमपुरखीरी, फरवरी 19 -- गोला गोकर्णनाथ। चीनी मिल में चल रहे छह दिवसीय स्थापत्य एवं वास्तु ज्ञान के चौथे दिन कथा व्यास आचार्य सुशील बलूनी ने वास्तु शास्त्र के पूरक विषय संख्या ज्योतिष पर विस्तार से चर्चा की। आचार्य ने नौ अंकों के साथ-साथ शून्य एवं अनंत पर विशेष बल देते हुए बताया कि स्वयं को शून्य से विभाजित कर अनंत की प्राप्ति करना ही जीवन का परम उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि सातों वारों के नाम से सात ग्रह हैं, इसके अतिरिक्त राहु व केतु छाया ग्रह के रूप में विद्यमान हैं। आचार्य बलुनी ने कहा कि धर्म को जानने वाला दुर्लभ होता है, उसे श्रेष्ठ तरीके से बताने वाला उससे भी दुर्लभ, श्रद्धा से सुनने वाला अत्यंत दुर्लभ और धर्माधर्म का आचरण करने वाला सुबुद्धिमान सबसे दुर्लभ होता है। इस अवसर पर बजाज पब्लिक स्कूल के छात्रा मोनिशा दीक्षित, आध्या शुक्ला...