सुल्तानपुर, मार्च 25 -- मोतिगरपुर, संवाददाता पारसपट्टी (कोइलहा) गांव में रसहा बाबा मंदिर परिसर में नौ दिवसीय श्रीराम कथा के छठवें दिन अयोध्या से पधारे कथा व्यास पंडित सतीश चन्द्र शास्त्री महराज ने राम विवाह की कथा सुनाई। कहा,राजा जनक ने घोषणा की कि जो भी शिवजी के धनुष को उठाकर उसकी प्रत्यंचा चढ़ाएगा,उसी से सीता का विवाह होगा। कई राजा आए, लेकिन कोई भी धनुष को हिला तक नहीं सका। भगवान राम, जो गुरु विश्वामित्र के साथ वहां पहुंचे थे, उन्होंने गुरु की आज्ञा से धनुष उठाया और उसकी प्रत्यंचा चढ़ाने लगे। जैसे ही उन्होंने प्रत्यंचा चढ़ाई, धनुष टूट गया। इस चमत्कार को देखकर जनक प्रसन्न हुए और उन्होंने राम को अपनी पुत्री सीता के लिए योग्य वर घोषित किया।
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