भागलपुर, सितम्बर 19 -- कहलगांव प्रखंड के कुशापुर में अवस्थित सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस महाराज द्वारा सत्संग गढ़ से नामित आश्रम में दो दिवसीय संतमत सत्संग का भव्य समापन महर्षि मेंही भागवत धाम शेरमारी के संस्थापक आचार्य स्वामी भागवतानन्द जी महाराज के अंतिम उपदेश से हो गया। प्रवचन के क्रम में बताया कि गुरु महाराज ने स्वयं इस आश्रम को सत्संग गढ़ कहा है। आगे उन्होंने प्रवचन में संत विनोबा भावे द्वारा सत्संग योग चारों भाग की महिमा पर प्रकाश डालते हुए उनकी काफी प्रशंसा की।

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