पीलीभीत, मई 12 -- पूरनपुर। बीएसएफ के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर अशोक राजा बीते दो साल से इसी दिन का इंतजार कर रहे थे। उनके दिल में भी आतंकियों से बदला की भावना बार-बार गूंज रही थी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में आतंकियों ने पुलवामा में बीएसएफ की गाड़ी पर हमला कर 48 जवानों की हत्या कर दी थी। तब से उनके जहन में बदले की भावना थी। आतंकियों को उसी समय मुंहतोड़ जबाव मिलना चाहिए था। अब पहलगाव में घटना के बाद केंद्र सरकार की इस कार्रवाई और शुरुआत सराहनीय है। भारत के जबांज सैनिक आतंक का सूफड़ा साफ करने में लगे हुए है। इस कार्रवाई से उनको काफी संतुष्टि मिली है। उन्होंने बताया कि सेवा से वह स्वेच्छिक रिटायर हुए थे। अभी वह सक्षम है। यदि शासन और अधिकारी अनुमित दें तो वह सीमा पर जाकर मोर्चा संभालने से पीछे नहीं हटेंगे।

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