नई दिल्ली, अगस्त 4 -- बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सबसे ज्यादा दर्द राजद नेता तेजस्वी यादव को ही था, इसीलिए वह बार-बार विभिन्न माध्यमों से चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर इस कवायद को रुकवाने का प्रयास कर रहे थे। देश की आला अदालत तक यह मामला चला गया है, हालांकि वहां भी उन्हें शुरुआती राहत नहीं मिल सकी। अब जब इस पुनरीक्षण कार्य के बाद मसौदा जारी कर दिया गया है, तो बिहार के नेता प्रतिपक्ष ने फिर से एक दांव खेला और इस कवायद पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए दावा किया कि उनका नाम मतदाता सूची से काट दिया गया है। उन्होंने पत्रकार-वार्ता में अपने हाथों में मतदाता कार्ड थामे दावा किया कि मतदाता सूची में उनका नाम शामिल नहीं है। मगर उनके इस दावे को जल्द ही चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया और बता दिया कि उनका नाम मतदाता सूची में कहां दर्ज है? अब गलतबया...