लोहरदगा, सितम्बर 4 -- सेन्हा, प्रतिनिधि।लोहरदगा सेन्हा प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित हाई स्कूल डांडू चितरी में नेत्रदान महादान कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नेत्र रोग चिकित्सक डा शशिकांत कुमार द्वारा नेत्रदान का महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया गया कि नेत्रदान करना क्यों आवश्यक है। नेत्रदान कब और कैसे किया जाता है। भारत मे नेत्रदान की पहली सफलता कब मिली। साथ ही नेत्र बैंक और नेत्र सुरक्षा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। दुनिया के 37 मिलियन नेत्रहीनों में सबसे ज्यादा 15 मिलियन भारत में ही हैं। सही इलाज नही होने से नेत्रहीनों की संख्या में हर साल 30 हजार का इजाफा हो रहा है। देश में करीब सवा सौ नेत्र बैंक हैं। जिनमें बमुश्किल 30 हजार नेत्र दान हर साल होते हैं। जबकि जरूरत हर साल करीब ढाई लाख नेत्रदान की है। देश मे...