औरंगाबाद, नवम्बर 28 -- किशोर न्याय बोर्ड, औरंगाबाद के प्रधान दंडाधिकारी सह एसीजेएम सुशील प्रसाद सिंह ने सुनवाई करते हुए एक मात्र विधि विरूद्ध किशोर को देव सूर्य मंदिर में लगातार 10 दिनों तक सामुदायिक सेवा देने का आदेश दिया है। देव सूर्य मंदिर के प्रबंधक को आदेश दिया गया है कि विधि विरूद्ध किशोर का नाम, पता और सेवा अवधि उजागर नहीं किया जाना चाहिए। आचरण और व्यवहार से संबंधित प्रतिवेदन एक निश्चित समय बोर्ड में समर्पित करना होगा। पैनल अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि विधि विरूद्ध किशोरों के आचरण और व्यवहार में सुधार के लिए मंदिरों और पीएचसी पर सामुदायिक सेवा करने का आदेश प्रधान दंडाधिकारी द्वारा लगातार दिया जा रहा है।

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