उरई, सितम्बर 8 -- कुसमिलिया। संवाददाता पितृ पक्ष में नदी-तालाबों में पितरों को जल अर्पण-तर्पण करने का सिलसिला रविवार से शुरू हो गया और वही डकोर के ग्रामीणों ने नहर व तालाबों में श्राद्ध पक्ष का पहला तर्पण किया गया। सुबह श्रद्धालुओं ने नदी-तालाबों के किनारे जाकर स्नान-ध्यान किया और पितरों के निमित्त पूजा कर उंगली में कुश धारणकर जौ, कुश, तिल डालकर पितरों को जल अर्पित किया। घरों में खीर, पूड़ी, तुरई की सब्जी, बड़ा, जलेबी आदि व्यंजन बनाए गए। मान्यता के अनुसार कौआ, कुत्ता, गाय और चींटियों के लिए भोजन निकाला गया और फिर पितरों को अर्पण-तर्पण करके ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा भेंट की। पंडित रामगोपाल महाराज के अनुसार पितृ पक्ष में कुछ विशेष तरह की पूजन सामग्री का महत्व है, इसमें तिल, जौ, कुशा, गेहूं, उड़द दाल, मूंग, धान, कांगुनी, मटर, कचनार, ...