नई दिल्ली, अक्टूबर 3 -- भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए 'दृष्टि आईएएस' कोचिंग पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। दृष्टि आईएएस ने अपने विज्ञापन में सफल अभ्यर्थियों के नाम और तस्वीरों के साथ यूपीएससी की सीएसई-2022 में 216 से अधिक विद्यार्थियों के चयन का प्रमुखता से दावा किया था। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि जांच करने पर सीसीपीए ने पाया कि यह दावा भ्रामक था और इसमें इन अभ्यर्थियों द्वारा चयनित पाठ्यक्रमों के प्रकार और अवधि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई गई थी। महत्वपूर्ण जानकारी को जानबूझकर छिपाने से अभ्यर्थियों और अभिभावकों को यह विश्वास हो गया कि यूपीएससी परीक्षा के सभी चरणों में इन अभ्यर्थियों की सफलता का श्रेय दृष्टि आईएएस को जाता है, जो उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 2(28) के तहत एक भ्र...