सहरसा, अक्टूबर 14 -- महिषी, एक संवाददाता। दुर्गा पूजा खत्म होने के बाद से महिषी के लोग दीपावली और छठ पर्व की तैयारियों में व्यस्त हैं। घरों और आस-पास की सफाई, रंग-रोगन और परंपरागत विधानों का निर्वहन जोर-शोर से किया जा रहा है। दीपावली पर उक्का पाती बनाने की परंपरा आज भी निभाई जाती है। लोग फूस और संठी की मदद से इसे बनाकर लक्ष्मी गणेश पूजा के बाद जलाते हैं। इसके साथ "शस्त्राशस्त्र हतानां..." मंत्र का उच्चारण करते हुए दरवाजे पर उल्का फेरे जाते हैं। इसे घर में लक्ष्मी के आगमन का प्रतीक माना जाता है और साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से धुएं से बैक्टीरिया और हानिकारक कीट नष्ट होते हैं। संठी के साथ दीपों की खरीददारी भी शुरू हो गई है। बच्चों में भी उत्साह है और वे घरौंदा बनाने और कैंडिल टांगने की तैयारी कर रहे हैं। बाजारों में दीपावली की सरगर्मी बढ़ ग...