चतरा, अक्टूबर 19 -- इटखोरी, प्रतिनिधि। दीपावली के महत्व को बताते हुए भद्रकाली मंदिर के पुजारी विवेक तिवारी बताते है कि दीपावली एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ प्रकाश की पंक्तियां होता है। भारतीय पंचांग के हिसाब से यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह पर्व ज्ञान (प्रकाश) का अज्ञानता (अंधेरे) पर विजयी होने का प्रतीक है। दीवाली पाँच दिनों तक मनाई जाती है: धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज। त्यौहार के पहले दिन, घरों और व्यावसायिक परिसर को स्वच्छ किया जाता है और सजाया जाता हैं। धन और समृद्धि (लक्ष्मी) की देवी के स्वागत के लिए रंगोली की डिजाइन के सुंदर पारंपरिक रूपांकन घर के प्रवेश द्वार पर बनाए जाते है। लक्ष्मी जी की लम्बी प्रतीक्षा का आगमन दर्शाने के लिए, घर में चावल के आटे और कुमकुम से छोटे पैरों क...