डूंगरपुर, अप्रैल 8 -- राजस्थान के डूंगरपुर जिले के एक गांव की महिला ने ऐसा काम किया है जो दूसरों के लिए प्रेरणादायी है। कभी भरी दोपहरी में मनरेगा के तहत मजदूरी करने वाली महिला आज एक कंपनी की सीईओ है, जिसका टर्नओवर 3.5 करोड़ रुपये से ज्यादा का है। एक समय रुक्मिणी कटारा मनरेगा में दिहाड़ी मजदूरी करके अपना जीवनयापन करती थीं। लेकिन आज उनकी कंपनी घरों को सौर ऊर्जा से बिजली देती है। उनकी यात्रा माड़वा खापर्दा से शुरू हुई, जहां वह राजीविका के जरिए एक स्वयं सहायता समूह में जुड़ीं और सोलर लैंप और प्लेट बनाने और इंस्टॉल करने का तरीका सीखा।सीखने की ललक से पाया मुकाम राजीविका जो आधिकारिक तौर पर राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (आरजीएवीपी) है, राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के तहत एक स्वायत्त निकाय है। यह ग्रामीण गरीबों के जीवन को बेहतर बना...