गंगापार, दिसम्बर 1 -- देवउठनी एकादशी के बाद 18 नवंबर से आरभ हुए विवाह समारोह फिर बार रुक जाएंगे। छह दिसबर के बाद विवाह मुहूर्त नहीं हैं। इस वर्ष दिसबर में विवाह के चार मुहूर्त ही हैं।15 दिसंबर सफला एकादशी से 14 जनवरी षट्तिला एकादशी तक मलमास रहेगा, जिसमें मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। जनवरी में विवाह का एक भी मुहूर्त नहीं है, सीधे फरवरी में ही शादियां शुरू होंगी। इससे पहले केवल 7 दिन विवाह की शहनाइयां बजेंगी। अंतिम विवाह मुहूर्त 7 दिसंबर को है। इसके बाद शादियां फरवरी से शुरू होंगी, जो जुलाई तक चलेंगी। इन सात दिनों की अवधि में सैकड़ों से अधिक जोड़ों के गठबंधन होने का अनुमान है। ज्योतिष विशेषज्ञ पं उमेश शास्त्री दैवज्ञ ने बताया कि विवाह व अन्य कार्यों की खरीदी के लिए दिसंबर के अंत तक 12 दिन सर्वार्थ सिद्धि, 4 दिन अमृत सिद्धि और 4 दिन रवि सहित...