नई दिल्ली, सितम्बर 5 -- यह सूचना न केवल चौंकाती है, हमें सोचने पर भी विवश करती है कि भारत के लगभग 47 प्रतिशत मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। आपराधिक मामलों में भी हत्या, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के गंभीर मामले शामिल हैं। 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' अर्थात एडीआर का यह अध्ययन खास मायने रखता है। अभी हाल ही में तीन विधेयक संसद में पेश किए गए थे, ताकि गंभीर आपराधिक मामलों में अगर किसी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को 30 दिन भी जेल में रहना पड़े, तो उसे स्वत: पदमुक्त मान लिया जाए। इस संशोधन का अनेक दलों और नेताओं ने विरोध किया है। आशंका जताई गई कि अगर ये कानून बन गए, तो उनका दुरुपयोग होगा, जिससे विपक्षियों को निशाना बनाया जाएगा। जिस देश में 47 प्रतिशत के करीब मंत्रियों के दामन पर आपराधिक दाग हों, वहां कड़े कानून...
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