सुपौल, अगस्त 27 -- करजाईन बाजार, एक संवाददाता इस बार सद्धि योग में बुधवार से 10 दिन तक चलने वाले गणेश पूजा समारोह का शुभारंभ होने से भक्तों के समस्त कामनाओं की सद्धिि होगी। इस बारे में मैथिल पंडित आचार्य धर्मेंद्रनाथ मश्रि ने कहा कि 10 दिवसीय गणेश पूजा के उत्सव के महत्व पर भगवान श्री गणेश को वघ्नि हर्ता, मंगल मूर्ति, लंबोदर, वक्रतुंड आदि कई विचत्रि नाम से पुकारा जाता है। श्री गणेश की पूजा में द्विव यानि दूर्वा चढ़ाई जाती है। भगवान गणेश को दूर्वा जड़ रहित 12 अंगुल लंबी और तीन गांठ वाली होनी चाहिए। 101 या 121 दूर्वा से श्री गणेश की विशेष पूजन करना चाहिए। गणेश जी की पूजा में तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। गणेश जी की अग्र पूजा यानि सर्वप्रथम पूजा होती है। शिव पुराण के अनुसार जब भगवान शिव त्रिपुर राकछस का नाश करने जा रहे थे तब, आकाशवाणी हुई कि ...