नई दिल्ली, फरवरी 16 -- भारत में अपनी मर्जी से दवाइयां खाने वालों की संख्या न केवल दुखद, बल्कि चिंताजनक भी है। यह अध्ययन कोलकाता स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के एजिंग एवं मानसिक स्वास्थ्य केंद्र और अन्य कई चिकित्सा संस्थानों ने किया है। अध्ययन में नई दिल्ली स्थित वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज एवं सफदरजंग अस्पताल भी शामिल हैं। साइंटिफिक रिपोर्ट्स पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन से पता चलता है कि देश में 100 में से 28 बुजुर्ग गलत या गैर-जरूरी दवाइयों का सेवन कर रहे हैं। यहां स्व-चिकित्सा खतरनाक अभ्यास है, जिस पर इस अध्ययन ने रोशनी डाली है। पांच में से एक वृद्ध (19.7 प्रतिशत) डॉक्टर से परामर्श बिना दवाएं लेते हैं। देश में आधे से ज्यादा बुजुर्ग दर्द निवारक दवाइयों का सेवन अपनी मर्जी से करते हैं। पांच में से दो बुजुर्ग बुखार या बेचैनी ...
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