नई दिल्ली, अक्टूबर 22 -- पाकिस्तान और अफगानिस्तान में संघर्ष-विराम हो गया है, लेकिन जिस तरह के हालात पिछले दिनों बने, वे शोचनीय हैं। दक्षिण एशिया में संघर्ष के नए मोर्चे का खुल जाना कई तरह के संकेत दे रहा है। यह बता रहा है कि यहां का समीकरण अपने बदलाव के दौर से गुजर रहा है, जिस कारण संघर्ष का केंद्र बदलने लगा है। वैसे, यह कहने की जरूरत नहीं है कि पाकिस्तान इस क्षेत्र का एकमात्र ऐसा देश है, जो हालात बिगाड़ने में मुब्तिला रहता है। वह ऐसे-ऐसे तिकड़म अपनाता है कि स्थिति बिगड़ने लगती है और संघर्ष के मैदान गरजने लगते हैं। दरअसल, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में संघर्ष का इस तरह उभरना आश्चर्य तो पैदा कर रहा था, लेकिन इसकी पृष्ठभूमि पुरानी है, इसलिए अगर हम चाहते हैं कि दक्षिण एशिया में शांति बनी रहे, तो हमें कुछ अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। इनमें पाकि...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.