नई दिल्ली, अगस्त 27 -- वैश्विक व्यापार अस्थिरता और अमेरिकी टैरिफ प्रेशर के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक अच्छी खबर आई है। ईवाई की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 2030 तक भारत की इकोनॉमी क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के आधार पर 20.7 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच सकती है। इसके साथ ही 2038 तक अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी भी बन सकती है। कहने का मतलब है कि अगले 13 साल में भारत को यह सफलता मिल सकती है।इस मामले में तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी आईटी सर्विस कंपनी ईवाई ने बुधवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि भारत इस समय चीन और अमेरिका के बाद क्रय शक्ति समता के आधार पर तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पीपीपी के संदर्भ में 14.2 लाख करोड़ डॉलर रहा जो बाजार...