कटिहार, नवम्बर 28 -- सेमापुर, संवाद सूत्र। सिख इतिहास कुबार्नियों से भरा है, पर 9वें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहीदी की मिसाल पूरी दुनिया में नहीं मिलती है। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। वे प्रेम, त्याग और बलिदान के सर्वोच्च प्रतीक हैं। श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज का 350 वां महान शहीदी गुरुपर्व के तीन दिवसीय कार्यक्रम का गुरुवार को समापन हो गया। तीसरे दिन स्थानीय गुरुद्वारा साहेब लक्ष्मीपुर में गुरुपर्व को ले रागी जत्था की ओर से शब्द कीर्तन किया गया। काफी संख्या में सिख श्रद्धालुओं ने गुरु के दरबार में मत्था टेका। लक्ष्मीपुर गुरुद्वारा गुरु पर्व समिति की ओर से इस अवसर पर लंगर का आयोजन किया गया था। दोपहर में शुरू किया गया लंगर का वितरण कार्यक्रम शाम तक चलता रहा। कार्यक्रम के दौरान भाई जीवेंद्र सिंह ...