भभुआ, जून 3 -- अधिक गर्मी होने या शरीर से पर्याप्त गर्मी बाहर न निकल पाने की स्थिति में बच्चों को होने वाले बुखार को हाइपर थर्मिया कहते हैं इस बुखार में पसीना कम आता है और पल्स की गति धीमी या तेज हो जाती है हाइपर थर्मिया से पीड़ित बच्चे रोते अधिक और दूध कम पीने से हो जाते हैं सुस्त हीट स्ट्रोक अक्सर तब होता है जब शरीर का तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है ग्राफिक्स 29 नवजात मंगलवार को भर्ती थे एसएनसीयू वार्ड में 28 बच्चों को एक साथ भर्ती कर इलाज करने की है क्षमता 04 हाइपर थर्मिया पीड़ित बच्चे मंगलवार को किए गए भर्ती (पेज तीन की लीड खबर) भभुआ, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले में इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी व तीखी धूप के कारण बच्चे हाइपर थर्मिया रोग के शिकार होने लगे हैं। इससे पीड़ित नवजात एसएनसीयू में ज्यादा आ रहे हैं। इसका पता मंगलवार को तब चल...