मुजफ्फर नगर, नवम्बर 21 -- जिला कृषि रक्षा अधिकारी राहुल तेवतिया ने बताया कि रबी में उगाई जाने वाली खाद्यान्न फसलों में गेहूँ, सरसो, गन्ना, चना,मटर एवं आलू की फसलों तापमान में गिरावट के साथ आर्द्रता वृद्धि होने के कारण रबी फसलों में लगने वाले सामयिक कीट/रोग के प्रकोप की सम्भावना बढ़ गयी है। जिसके दृष्टिगत बचाव एवं प्रबन्धन हेतु कृषकों को विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी व सुझाव दिए गए है। उन्होंने बताया कि सरसो, राई बीज जनित रोगों के सुरक्षा हेतु 2.5 ग्राम थिरम 75 प्रतिशत, मेटाऐक्सिल 2.0 ग्राम प्रति किग्रा. बीज की दर से उपचारित सफेद गेरूई एवं तुलासिता रोग की प्रारंभिक अवस्था में रोकथाम की जा सकती है। पत्ती सुरंगक (लीफ माइनर) जैविक नियंत्रण कारक एजाडिरेक्टिन (नीम आपल) 0.15 प्रतिशत ई.सी. 2.5 लीटर प्रति हे. की दर से प्रयोग किया जा सकता है। कीट के र...
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