कुशीनगर, सितम्बर 21 -- पडरौना, निज संवाददाता। ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि कहीं कैमरों के बंद होने के पीछे तस्करों की ही साजिश तो नहीं है। जिन पर इन कैमरों के कारण शिकंजा कसा जा रहा था, उन्होंने ही किसी तरह से इन्हें निष्क्रिय कराने का खेल खेला होगा। कई कैमरों का डीवीआर गायब है तो कुछ कैमरों को तोड़ दिया गया है। पटहेरवा थाना क्षेत्र के सीमावर्ती इलाके में कैमरों के बंद होने से निगरानी व्यवस्था पूरी तरह से कमजोर हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि कैमरे बंद होने के बाद चौराहों पर देर रात संदिग्ध व्यक्तियों की आवाजाही बढ़ गई है। कुशीनगर जिले के सीमावर्ती इलाकों में एक समय जिस ऑपरेशन त्रिनेत्र ने तस्करों और असामाजिक तत्वों के हौसले पस्त कर दिए थे, आज वही अभियान खुद निगरानी के अभाव का शिकार हो गया है। जिले के तमकुहीराज, चौराखास, पटहेरवा, जटहां ...