नई दिल्ली, अगस्त 11 -- सुप्रीम कोर्ट सोमवार को तलाक-ए-हसन और अन्य सभी प्रकार के 'एकतरफा न्यायेतर तलाक को असंवैधानिक घोषित करने के अनुरोध वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई 19-20 नवंबर को करेगा। तलाक-ए-हसन मुसलमानों में तलाक का एक रूप है, जिसके माध्यम से एक पुरुष तीन महीने की अवधि में हर महीने एक बार तलाक शब्द कहकर विवाह समाप्त कर सकता है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने पीड़ितों और अन्य पक्षों समेत कई याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई की तारीख तय करते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू), राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से विचार मांगे। शीर्ष अदालत ने सभी हस्तक्षेप अर्जियों को मंजूर कर लिया और केंद्र के वकील से कहा कि वे सुनवाई में अदालत की सहायता कर सकते हैं। पीठ ने...