पीलीभीत, अक्टूबर 2 -- पीलीभीत। आजादी के लिए जूझने को जज्बा पैदा करने 1921 में महात्मा गांधी पीलीभीत आए थे। उनकी ट्रेन बीस मिनट रुकी थी। जब इस बात की जानकारी यहां कांग्रेसियों ओर समर्थकों को लगी तो महज बीस मिनट में एक मंच सजाया गया और मुस्लिम लीग के मौलाना मोहम्मद अली ने संक्षिप्त भाषण देकर महात्मा गांधी बापू को आगे कर दिया था। बापू के भाषण के कारण यहां लोगों में इस कदर जोश भर गया था कि सिरों पर लगाई गइ टोपियां प्लेटफार्म पर फेंक कर होली जलाई गई थी। इससे स्वदेशी की भी अलख जगाने का काम बापू कर गए थे। दूसरी बार बापू तब यहां आए जब असहयोग आंदोलन शुरू नहीं हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम की संघर्ष गाथा पुस्तक के मुताबिक वाले मियां जियारत पास उनकी सभा हुई थी। तब शहर के बड़े नामी साहू राजा साहब ने चांद की तश्तरी में रख कर अभिनंदन पत्र उन्हें यह कहते ह...
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