पीलीभीत, अगस्त 31 -- तराई के किसानों ने जब भी खेती किसानी की तो वे हमेशा दूसरों के लिए मिसाल ही बने। अब एक नया मामला सबके सामने है। काला गेहूं देशी आम के बाद अब मझोला के किसान ने एक ऐसे अमरूद के बाग को विकसित किया है। जहां जमीन बैठे-बैठे अमरूद तोड़कर बारह महीने स्वाद लिया जा सकता है। कलकत्ता से लाए गए बीज के बाद यहां अमरूद का बाग तैयार किया गया है। मझोला क्षेत्र के गिद्धौर गांव में किसान सरदार हरपाल सिंह ने अनूठी खेती करते हुए दूसरों को प्रभावित किया है। चार एकड़ में लगाया कलकत्ता के अमरूद का बाग अब उन्हें 12 महीने मोहक अमरूद की फसल दे रहा है। अंदर से लाल मीठे अमरूद की फसल से प्रभावित हुए किसान हरपाल सिंह राय ने दो एकड़ खेत में इसे विकसित किया है। पिछले साल लगाए गए अमरूद की ख्याति बढ़ चुकी है। दूर-दूर से अमरूद के बाग के लिए व्यापारी किसान...