नई दिल्ली, नवम्बर 12 -- नई दिल्ली, कार्यालय संवाददाता। राजधानी में यमुना की सफाई के दावों की हकीकत एक बार फिर खुलकर सामने आई है। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में दाखिल दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली के 27 फीसदी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तय मानकों के अनुरूप काम नहीं कर रहे। इससे शहर की सीवेज प्रबंधन व्यवस्था और यमुना सफाई पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि कई एसटीपी अपनी स्थापित क्षमता से कम लोड पर चल रहे हैं, जबकि कुछ में तकनीकी खामियां हैं। परिणामस्वरूप अपर्याप्त रूप से शोधित पानी यमुना में पहुंच रहा है और नदी के प्रदूषण स्तर में वृद्धि कर रहा है। निरीक्षण में कई एसटीपी में बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) और केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी) निर्धारित मानकों ...