आगरा, जनवरी 29 -- शहर के केए पीजी कॉलेज में संस्थापक कपूरचंद्र जैन की स्मृति में तृतीय बार राष्ट्रीय कवि सम्मेलन हुआ। इस दौरान कवियों ने काव्यपाठ कर अपनी-अपनी काव्य रचनाओं को प्रस्तुत किया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ हास्य कवि निर्मल सक्सेना ने मां सरस्वती की आराधना से किया। विभाग अध्यक्ष डा. बीना रुस्तगी ने मां के संघर्षों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मां हिम्मत बंधाती है। कवि डा. अक्षय प्रताप ने पढ़ा कि 'तब मेरी भारत माता फिर विश्व गुरु कहलाएगी।' कवि राजीव प्रखर ने 'तिरंगा बलिदानों के गीत सुनाए।' कवि डा. अखिलेश चंद्र ने 'धारा के साथ-साथ बहन मन करता स्वीकार नहीं' कविता पढ़ी। डा. उपदेश शंकर ने पढ़ा कि 'ऐसी रवानी किस काम की।' पूर्व प्राध्यापक व शिक्षा सेवा चयन आयोग के सदस्य डा. आरके दीक्षित ने पढ़ा कि 'कौन देश की मर्यादा को छूकर आज कसम खाता है।'...