स्वामी सत्यानंद सरस्वती, जून 17 -- आज की आपाधापी में ज्यादातर लोगों का मन भी दूषित है और तन भी। ऐसे में परेशान लोग अक्सर सोचते हैं कि उनका जीवन कैसे सुखमय हो सकता है? जब हम समाधान खोजते हैं, तब सबसे पहले योग अभ्यास पर ध्यान जाता है। कितना जरूरी है योग अभ्यास? योग का विज्ञान, दर्शन और अभ्यास सार्वभौमिक है। यह किसी संस्कृति, परंपरा या धर्म के दायरे में सीमित नहीं है। इसका संबंध हमारे संपूर्ण अस्तित्व से है, इसलिए यह सार्वभौमिक है। हमें चुनाव खुद करना है। हम योग को किस प्रकार और क्यों स्वीकार करें। यदि हमारा शरीर अस्वस्थ है, तब हमें योग के शारीरिक पक्ष का चुनाव करना है और उससे संबंधित अभ्यासों को करना है, तभी हम स्वस्थ हो पाएंगे। यदि आप शरीर में सुधार लाना चाहते हैं तो आपको शरीर के लिए उपयोगी योगाभ्यासों का चुनाव करना होगा, लेकिन यदि आप तनाव...
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