सिद्धार्थ, अगस्त 30 -- इटवा, हिन्दुस्तान संवाद। मानसून की बेरुखी धान की फसल पर भारी पड़ रही है। लगातार बारिश न होने से खेतों में पानी की कमी हो गई है, जिसका सीधा असर धान पर पड़ रहा है। कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के वैज्ञानिक डॉ. सर्वजीत ने किसानों को इस स्थिति से निपटने के उपाय बताए हैं। उन्होंने कहा कि खेत में नमी न रहने से धान की फसलों में तना छेदक कीट का प्रकोप बढ़ रहा है। इसके प्रबंधन के लिए कार्टपहाइड्रो क्लोराइड 50 प्रतिशत एसपी की 30-35 ग्राम मात्रा को 15 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए। इससे तना छेदक के साथ पत्ता लपेटक व अन्य कीटों का भी नियंत्रण होता है। डॉ. सर्वजीत ने बताया कि नमी न होने पर उर्वरकों का सीधा प्रयोग कठिन हो जाता है, इसलिए घोल बनाकर छिड़काव करना अधिक कारगर है। खेतों में रेड वर्म की समस्या होने पर क्लोरोपायरिफॉस 50 ...