अलीगढ़, नवम्बर 17 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। तनाव, अधूरी नींद और नशे की बढ़ती आदत मिर्गी के मरीजों की संख्या में इजाफा कर रही है। सरकारी व निजी संस्थानों में रोजाना ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें 60 प्रतिशत युवा 15 से 35 वर्ष के हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि आनुवांशिक कारणों के साथ-साथ तेज रोशनी, लगातार स्क्रीन टाइम और अव्यवस्थित दिनचर्या मिर्गी के नए मामलों को बढ़ा रही है। समय पर इलाज न लेने और नीम-हकीमों के चक्कर में स्थिति और बिगड़ जाती है। न्यूरो सर्जन डॉ. संजीव कुमार बताते हैं कि आनुवांशिक कारण, दिमाग की चोट, संक्रमण, सूजन और स्ट्रोक इस बीमारी के प्रमुख कारण रहे हैं। लेकिन हाल के वर्षों में तनाव, अनिद्रा और नशे की बढ़ती प्रवृत्ति ने मिर्गी के मामलों को तेजी से बढ़ाया है। स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग और तेज रोशनी की चमक भी संवेदनशील लोगों...