अलीगढ़, जुलाई 2 -- अलीगढ़, वरिष्ठ संवाददाता। संचारी रोगों पर काबू पाने के लिए अब आशाओं को मच्छरों के प्रजनन स्थलों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने योजना पर अमल शुरू कर दिया है। आशा कार्यकर्ता डोमेस्टिक ब्रीडिंग चेकर्स (डीबीसी) की भूमिका में होंगी। इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया गया है ताकि, वे घर-घर जाकर मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम में मदद कर सकें। इनकी मदद से उन स्थानों की पहचान की जाएगी जहां मच्छरों का प्रजनन होता है, जैसे कूलर, टंकी, गमले और अनुपयोगी बर्तन। जिले में 141 गांव और 47 मोहल्ले ऐसे हैं जिन्हें संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है। इन इलाकों में पूर्व में डेंगू और मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। नगर निगम औ...